बहता पानी और रमता जोगी ही शुद्ध रहते हैं | ~ स्वामी विवेकानंद
हिंदू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर आधारित है। ~~स्वामी विवेकानंद
पक्षपात सब बुराइयों की जड़ है | ~ स्वामी विवेकानन्द
भय ही पतन और पाप का निश्चित कारण है | ~ स्वामी विवेकानंद
ज्ञानी कभी किसी व्यक्ति कि स्वतंत्रता , समानता , सम्मान एयर स्वायत्तता को भंग नहीं कर्ता है | ~ स्वामी विवेकानंद
आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम, ईमानदारी तथा उच्च मानवीय मूल्यों के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता है| ~ स्वामी विवेकानंद
मन की दुर्बलता से अधिक भयंकर और कोई पाप नहीं है। ~ स्वामी विवेकानंद
आपदा ही एक ऐसी स्थिति है,जो हमारे जीवन कि गहराइयों में अन्तर्दृष्टि पैदा करती है | ~ स्वामी विवेकानंद
हम भारतीय सभी धर्मों के प्रति केवल सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं करते , वरन सभी धर्मों को सच्चा मानकर स्वीकार भी करते हैं | ~ स्वामी विवेकानंद
महान त्याग से ही महान कार्य सम्भव है | ~ स्वामी विवेकानंद
हमें लोहे के पुट्ठे और इस्पात के स्नायु चाहिए, जिनमें वज्र सा मन निवास करे |~ स्वामी विवेकानंद
वस्तुएं बल से छीनी या धन से खरीदी जा सकती हैं, किंतु ज्ञान केवल अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है | ~स्वामी विवेकानंद
जितना अध्ययन करते हैं, उतना ही हमें अपने अज्ञान का आभास होता जाता है | ~ स्वामी विवेकानंद
जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता | ~स्वामी विवेकानंद
वह नास्तिक है, जो अपने आप में विश्वास नहीं रखता | ~ स्वामी विवेकानंद
“Where can we go to find God if we cannot see Him in our own hearts and in every living being?” - Swami Vivekananda
“हम ईश्वर को कहाँ पा सकते हैं अगर हम उसे अपने आप में और अन्य जीवों में नहीं देखते?” - स्वामीविवेकानंद
“You have to grow from the inside out. None can teach you, none can make you spiritual. There is no other teacher but your own soul.” - Swami Vivekananda
“आप को अपने भीतर से ही विकास करना होता है। कोई आपको सीखा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता। आपको सिखाने वाला और कोई नहीं, सिर्फ आपकी आत्मा ही है।” - स्वामीविवेकानंद
“You cannot believe in God until you believe in yourself.” - Swami Vivekananda
“आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते.” - स्वामी विवेकानंद
“Arise, Awake and Stop not till the goal is reached.” - Swami Vivekananda
“जागें, उठें और न रुकें जब तक लक्ष्य तक न पहुंच जाएं.” - स्वामी विवेकानंद
“We are what our thoughts have made us; so take care about what you think. Words are secondary. Thoughts live; they travel far.” - Swami Vivekananda
“हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है; इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या विचारते हैं. शब्द गौण हैं. विचार मुख्य हैं; और उनका असर दूर तक होता है.” - स्वामी विवेकानंद
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